प्यास
Monday, July 4, 2011
बदल गया हूँ!
क्यों हूँ मैं ऐसा
जैसा पहले नहीं था
पहले कैसा था
जैसा अब नहीं हूँ
क्या मैं बदल गया हूँ
या तब बदला हुआ था
आईने के सामने खुद को
खुब उलट-पलट कर देखा
अंदर तक झाँका, परखा
सही कहते हैं वे
वाकई मैं बदल गया हूँ
अच्छा-भला था दुनियादार
अब फखत 'प्यार" हूँ
1 comment:
shahjada kalim
July 18, 2011 at 4:50 AM
सचमुच
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सचमुच
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