Thursday, April 14, 2011

नयनों की भाषा...

क्या कर रहे हो
कुछ भी तो नहीं
तुम मुझसे दूर रहो
पास आने देती हो कहाँ
क्यों छू रहे हो
कब किया ऐसा
कोई देख लेगा
आज तो देख लेने दो
तुम समझते क्यों नहीं
तुम ने समझाया है कहाँ
छोड़ों ना मुझे जाना है
पकड़ा ही कहाँ है
देखो साथ चाय भी पी चुके
दो ही मिनट तो लगे पीने में
अब बस बहुत हुआ
हद है! अभी तो मुलाकात हुई
तुम नहीं मानोगे
प्यार से समझाओगी तो मान जाऊँगा
प्लीज, अब जाने दो
ठीक है, कल मिलने का वादा करो
पहले हाथ तो छोड़ो
पहले वादा करो
ठीक है, बाबा... वादा
अब आय लव यू कहो
देख रहे हैं सब
तो जल्दी से कहो
ठीक है... आय लव यू!
यूँ ही रोज चलती रही नयनों से बातें
जुबाँ पर आने में बीत गए बरसों




 

3 comments:

  1. kya baat hai....majjedaar...aap jo bhi likhte hai..usse aisa lagta hai ki woh sach me ho raha hai...

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  2. jab koi nahi tab apne aap se baaten karte ho kya??..gud gud..btw...nice one....

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  3. akhri do line jaan le leti hai sahab

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