Thursday, August 4, 2011

तस्वीर!



जब भी आता हूँ तेरे पास
कोरा केनवास रहता हूँ
तेरी ऊँगलियों के कूचे
उकेर देते हैं कई सतरंगी सपने
फिर वे ख्वाब मेरे जिस्म में
तेरी खुशबू से बस जाते हैं
और मैं जिंदा तस्वीर बन
महकता रहता हूँ दिन-दिन भर।

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