Sunday, August 7, 2011

दस्तक...



चुन ली हैं कई दीवारें
फिर दिल के छेद से
झाँकते हैं इस उम्मीद से
कोई आए, वीरानी में दस्तक दे
पर जब कोई देता है आवाज
तो कहते हैं- कोई पागल है
दे दो थोड़ी सी खैरात
कह दो- अब भूल कर भी
न आए इस और

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