प्यास
Saturday, September 10, 2011
मम्मा!
वो कहती है
मुझे भी 'मम्मा"
समेट लेता हूँ
दामन में उसे
तब पिता का अहसास
कहीं नहीं होता
और धड़क उठता है
'माँ" का दिल
चंद पल ही सही
हो जाती है मेरी कोख हरी
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