Friday, December 20, 2013

इंतजार


मेरे पास बैठ
ए-जिंदगी जरा 
ले आगोश में मुझे 
मेरे उलझे बालों में
ऊंगलियां जरा घुमा
पेशानी पर पड़ी सलवटों को
दे सुकून जरा
बरसों हुए चैन से सोये मुझे
एक मौन की लोरी जरा सुना
मेरी पलकों को चूम कर
मीठा सा एक सपना दे जरा
सहरा के इन प्यासे लबों को
दरिया में डूबो दे जरा
थक कर चूर इस जिस्म पर
अपने निशां छोड़ जरा
आ बैठ मेरे पास ए-जिंदगी
कुछ मेरी सुन
जरा कुछ अपनी सुना

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