ये तेरा असर है कि
हर दवा अब है बेअसर
दुआ किजे कि
कोई दुआ का तो हो जरा करम
न जाए दर्द, तो ना सही
बस, घड़ी भर रूक
पूछ ले वो सितमगर
खैरियत मेरी
पता है
कईं बार
कईं-कईं बार
एक चम्मच सुबह, एक शाम
दवा की तरह मिलती है
हंसी तेरी
वो ही अगले दिन तक
बन जाती है जीने का सहारा मेरी
सुन ओ सितमगर
जा, जरा देख आइने में खुद को
वहां भी नजर आएगी
तुझे, तेरे अक्स में
तस्वीर मेरी
तुझे क्या पता, क्या मजा है
इस दर्द में तेरे
जहां खंजर भी तेरा
और, जिंदगी भी तेरी
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