दर्द तो वही देता है
जो अपना होता है
वर्ना तो आप हो
ये भी, किसे पता होता है
आपके होने, ना होने का पता भी
कोई अपना ही तो देता है
वर्ना तो जिंदा हो
इससे भी किसे ताल्लुक होता है
छांह में तो सुस्ताते हैं सब
कड़ी धूप में अपना ही साथ होता है
मुसाफिर तो आते, जाते हैं
कोई अपना ही तो ताउम्र बसर करता है
कोई अपना भले दर्द दे दे
धोखा कभी नहीं देता है
अपनों का दिया दर्द
अक्सर दवा बन जाता है
वर्ना तो दवा के नाम पर
दुनिया में जहर ही दिया जाता है
true.........................may i there? for you?
ReplyDeleteyes, u r always dear :)
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