मौन की भाषा...
काश कभी ऐसा हो
मौन ही शब्द बन जाए
तब तेरा दिल सीधे जान लेगा
इस दिल के हाल
दोनों कर लेंगे मिलबैठ
दूर सब शिकवे-शिकायत
बता भी देंगे जख्म
किस कदर गहरें हैं कमबख्त
और इकदूजे को
लगा देंगे राहत का मलहम
दिन-दिन भर करते रहेंगे
दिल्लगी की बातें
न समय, न शब्द
बस बोलेगा सिर्फ मौन
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