मैंने सिखाया उसे
चलना, खाना, पीना
पर नहीं सिखाता तो
क्या उसे यह नहीं आता?
अब पढ़ाने लगा हूँ
दुनियादारी के पाठ
चिल्लाने, रोने पर मनाही
उठने, बैठने का सलिका
अदब, तहजीब
न जाने क्या-क्या
लगता है एक दिन
इसके अंदर भी
इसका अपना कुछ नहीं बचेगा
यह भी कहलाएगी 'सामाजिक"
फिर कभी इसका भी दिल करेगा
सबकुछ छोड़ भागने का
फिर कभी इसका भी दिल करेगा
ReplyDeleteसबकुछ छोड़ भागने का
सुन्दर अभिव्यक्ति ...
wow..... Sir, ye bhi bahot achha hai..!! Beautifully Sketched..
ReplyDeleteAur sabse mast hai Tunku ki photoo...!!
:)