माँ की गोद में दुलार पाते
छोटी से फ्रॉक पहने
इधर-उधर दौड़ते लगाते
छोटी-छोटी जिद करते
रोते, झल्लाते, खिलखिलाते
बेग थामें स्कूल जाते
सहेलियों संग शोर मचाते
पड़ोसी के यहाँ से फूल
बेर, जाम चुराते
हर नई चीज को देखकर
आश्चर्य में पड़ते
माँ से चोटी बनवाते
पहली बार साड़ी पहनते
मेकअप करते
गाड़ी चलाना सिखते
केंटिन में गपशप करते
हाँ, मैं सब देखना चाहता हूँ
पर कहाँ से लाऊँ टाइम मशीन?
अब बेटी में ही देखना होगा
तुझे भी बढ़ते
क्या करें, मिले भी हम
आधी उम्र बीत जाने के बाद
फिर भी खुश हूँ मैं तुझे पाकर
सोचता हूँ
बुढ़ापा तो गुजरेगा मजे से
बेहतरीन भावाभिवय्क्ति.....
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