वर्चूअल होली!
सारा-सारा दिन
हरा, नीला
पीला, गुलाबी गुलाल
मन में लिए घूमता रहा
जब-जब नजरों के सामने
पाया तुझको
जब्त किया खुदको
उस पल की ताक में
जो बस हमारा हो
यूँ ही बीत गया
होली का हर पहर
और, तू
दिन, दिन भर
बातों के रंग घोलती रही
मुझे सराबोर करती रही
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