प्यास
Saturday, March 3, 2012
शोर
कैसे बयाँ करूँ तुझे
मैं हाल-ए-दिल
शोर में गुम है तू कहीं
और, मुझे इंतजार खामोशी का
की है, कईं बार
कोशिश मैंने
लेकर आया भी
कोलाहल से बाहर निकाल तुझे
तब न जाने कैसे
तेरे 'मौन" के शोर में
दब गई मेरी जुबाँ
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