प्यास
Monday, August 1, 2011
दिल चलाता 'दिल" की!
दिल को अलग रख
दिमाग से काम लूँ
ऐसा कई बार सोचा
कुछ पल के लिए
चला भी उसकी मर्जी से
पर अगले ही क्षण
कमबख्त दिमाग भी
सुनने लगता है दिल की
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